महुदा थाना क्षेत्र के सिंगड़ा बस्ती में उजागर हुई अवैध गन फैक्ट्री मामले में पुलिस जांच ने नए खुलासे किए हैं। बरामद हथियारों की संख्या से कहीं अधिक तैयार हथियार पहले ही बिक चुके थे।
पुलिस का मानना है कि इन हथियारों की आपूर्ति झारखंड के कोयलांचल क्षेत्र के साथ-साथ बंगाल और बिहार के अपराधियों को की गई है।
सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिकता उन खरीददारों तक पहुंचने की है, जो इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं या कर चुके हैं।
बरामद हथियारों से दोगुना पहले ही बिक चुके थे
जांच में यह सामने आया है कि मुर्शिद अंसारी और मुंगेर के चार हथियार कारीगरों द्वारा पिछले छह महीनों में करीब 70 से अधिक देशी पिस्तौल तैयार किए गए थे, जबकि छापेमारी के दौरान 30 के आसपास हथियार, अर्धनिर्मित सामग्री और उपकरण बरामद हुए।इसका सीधा अर्थ है कि लगभग 40 से अधिक हथियार पहले ही बिक चुके हैं और उनका उपयोग आपराधिक गतिविधियों में हो सकता है।
खरीदारों की पहचान के लिए कॉल डिटेल्स खंगाली रही पुलिस
पुलिस और एसटीएफ की टीम अब गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल, बैंक ट्रांजेक्शन और कॉल डिटेल रिकॉर्ड की मदद से हथियार खरीदने वालों की पहचान में जुटी है।
झारखंड, बिहार और बंगाल के कुछ संभावित गिरोह पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं इन हथियारों का प्रयोग हालिया घटनाओं जैसे फायरिंग, लूट या हत्या में तो नहीं हुई है।