जमशेदपुर: आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले लाखों मरीजों को जल्द ही बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया नहीं सुधारी, तो एक सप्ताह के भीतर अस्पतालों को इलाज बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पूर्वी सिंहभूम जिले में करीब 40 से अधिक अस्पतालों में प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का इलाज होता है, जिनमें कैंसर, किडनी और हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज भी शामिल हैं। लेकिन अस्पतालों का कहना है कि आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान लंबे समय से लंबित है।
डॉ. सौरभ चौधरी, सचिव, IMA ने बताया कि यदि कुछ अस्पतालों पर अनियमितता के आरोप हैं तो उनकी जांच होनी चाहिए, लेकिन जिन अस्पतालों पर कोई आरोप नहीं है, उन्हें भुगतान शीघ्र किया जाना चाहिए ताकि मरीजों का इलाज प्रभावित न हो।
ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल, तामुलिया के अधीक्षक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि उनके अस्पताल को पिछले डेढ़ साल से लगभग 10 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। इसके बावजूद हार्ट और डायलिसिस मरीजों का इलाज मानवीय आधार पर जारी है।
हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया, जमशेदपुर शाखा के संयोजक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पूरे राज्य में 750 अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़े हैं, जिनमें से 212 पर अनियमितता के आरोप लगे थे। जांच के बाद 76 अस्पतालों को क्लीन चिट मिल चुकी है। इसके बावजूद सरकार भुगतान नहीं कर रही है।
पूर्वी सिंहभूम में 10 लाख से अधिक आयुष्मान कार्डधारी हैं और यदि ये अस्पताल इलाज बंद करते हैं, तो हालात बेहद गंभीर हो सकते हैं।
प्रमुख उपस्थितगण:
डॉ. जीसी माझी (अध्यक्ष, IMA), डॉ. सौरभ चौधरी, डॉ. मनोज यादव, डॉ. अमित कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. देवेश बहादुर, डॉ. राजीव ठाकुर और डॉ. मुकेश कुमार।