झारखंड सरकार की स्पेन और स्वीडन यात्रा रंग लाने लगी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यूरोपीय देशों के दौरे पर गए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को झारखंड में कुल 320 मिलियन यूरो के विदेशी निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इस निवेश से झारखंड में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा।
बैटरी निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत स्पेन की टेस्ला ग्रुप ने झारखंड में रोमानिया गीगा फैक्ट्री की तर्ज पर बैटरी भंडारण उत्पादों की परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने निश्शुल्क भूमि और बिजली की सुविधा मिलने पर 150 मिलियन यूरो निवेश की इच्छा जताई है।
वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट की स्पेन की अग्रणी कंपनी ‘फिरा डे बार्सिलोना’ ने राज्य में 120 से 170 मिलियन यूरो की लागत से मेगा सम्मेलन व व्यापार प्रदर्शनी केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा सात अन्य कंपनियों के साथ भी निवेश और सहयोग को लेकर गहन चर्चा हुई है।
स्पेन के आरसीडी एस्पेनयोल फुटबॉल क्लब ने झारखंड में फुटबॉल प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए सरकार से समझौते का प्रस्ताव दिया है। खेल, स्टार्टअप्स, पर्यावरणीय स्थिरता और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी विदेशी कंपनियों ने गहरी रुचि दिखाई है।
मुख्यमंत्री ने वोल्वो को राज्य में मेगा ट्रक निर्माण इकाई लगाने का आमंत्रण दिया है और उद्योग विभाग में यूरोपीय कंपनियों के लिए एक विशेष डेस्क स्थापित करने की घोषणा भी की गई है।
इसके अलावा, ग्रैनसोलर, नोवार्गी, जिट्रान, एबर्टिस जैसी कई कंपनियों ने अक्षय ऊर्जा, सड़क निर्माण, खनन, जल व अपशिष्ट प्रबंधन, और ई-गतिशीलता क्षेत्रों में निवेश और साझेदारी को लेकर रुचि जताई है।
इस दौरे से झारखंड की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बढ़ी है और राज्य में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।